Hindi

रबदा – २०१७

“मेरे साई.. मेरी श्वास” बेस्टसेलिंग द फ़क़ीर श्रंखला के लेखक की ओर से आस्था, उम्मीद ओर समर्पण ओर शिरडी के साई बाबा पर लिखी गयी पुस्तक भरुच उन लोगों मैं से हैं जो किसी एक धर्म या संप्रदाय मैं विश्वास नहीं रखते, जिनके लिए आध्यात्मिकता उतनी ही सहज है, जैसे किसी मनुष्य का श्वास लेना. …

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सलाखों की परछाइयाँ – २०१४

‘सलाखों की परछाइयाँ’ के माध्यम से भारतीय जेलों में रह रहे मां और बच्चे पर भावनात्मक रूप से प्रकाश डाला गया है। भारत के कई जेलों का दौरा करके लेखक ने वहां पर रह रही महिला कैदियों और उनके बच्चों से मुलाकात की है।इस मुलाकात के दौरान कैदियों की स्थिति,असुरक्षा,खुशी,उम्मीद और सपनों को उनके साथ …

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द फ़क़ीर: द जर्नी कन्टीन्यूज़ – २०१४

यह उपन्यास रूज़बेह एन.भरुचा के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास ‘द फ़क़ीर: द जर्नी कन्टीन्यूज़…’ का सरल हिन्दी रूपान्तरण है,  जो मृत्यु के बाद जीवन को खोजती है।  इस कहानी में हास्य-विनोद एवं बहुत सरल तरीक़े से बताया गया है कि कैसे हम प्रार्थना की शक्ति के जरिए आत्मिक जगत में भी अपने देवदूतों, फ़रिश्तों, मार्गदर्शक़ों, मित्रों, …

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फ़क़ीर – २०१३

” गुरु गाेविन्द दाेऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दिया बताय।। ”  गुरु और गोविन्द दोनों खड़े हैं।मैं किसका चरण स्पर्श करूं? गुरु जी ही बलिहारी हैं, जिन्हाेंने मुझे परमात्मा का पता बता दिया है। यह उपन्यास रुज़बेह एन.भरुचा के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यास ‘द फ़क़ीर’  का सरस हिन्दी रूपान्तरण  है, जिसमें न केवल गुरु की महिमा,वरन …

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ओउम् नम:ओउम् – २०१३

सभी धर्मशास्र इस बात पर एक मत हैं कि ब्रह्मांड का आदि नाद  ओउम् है। सम्पूर्ण ब्रह्मांड से सदा ॐ की ध्वनि ही नि:सृत होती  रहती है। बाइबल का भी  कुछ इसी तरह का मत है और भारतीय धर्म ग्रंथ वेद, पुराण एवं उपनिषद सभी में भी ॐ को ही परमपिता के सर्वश्रेष्ठ एवं  सर्वप्रथम …

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